What is stock market? What is the difference between NSE and BSE?
शेयर मार्किट क्या है? NSE और BSE में क्या अंतर है, जाने पूरी जानकारी.

What is stock market?
शेयर मार्किट क्या है?
आज मैं आप को शेयर मार्किट के बारे में कुछ जरूरी बातो को बताऊंगा. हो सकता है की आप इन बातो को जानते हो. लेकिन मैं आप को यकीन दिलाता हूँ की आपको इस लेख में कुछ ना कुछ जरूर ऐसा जानने को मिल जायेगा. जिससे आप शेयर मार्किट में अच्छे से काम कर पाएंगे. अगर आप करना चाहते हैं.
शेयर मार्किट क्या है?
आज मैं आप को शेयर मार्किट के बारे में कुछ जरूरी बातो को बताऊंगा. हो सकता है की आप इन बातो को जानते हो. लेकिन मैं आप को यकीन दिलाता हूँ की आपको इस लेख में कुछ ना कुछ जरूर ऐसा जानने को मिल जायेगा. जिससे आप शेयर मार्किट में अच्छे से काम कर पाएंगे. अगर आप करना चाहते हैं.
जब किसी भी कंपनी को और आगे ग्रो होने के लिए और पैसो की जरूरत होती है. तो कंपनी को आगे बढ़ने के लिए कंपनी के पास कई सारे रास्ते होते है. जैसे की एंजेल इन्वेस्टर्स यह वेंचर capital से पैसे उठाना, बेंक यह किसी संस्था से ले लेना, स्टोक मार्किट से पैसा उठाना आदि.
तो जैसा की आपने देखा की पैसा उठाने के ये कई सारे तरीके है. यर सारे तरीके दो तरीके से काम करते है.
1. debt financing
2. equity financing
1. debt financing से लिया गया पैसा कुछ समय बाद जहाँ से उन्होंने उसे लिया है. उनको वापस करना होता है. वो साथ में ब्याज भी देना होता है.
2. equity financing जब कंपनी equity financing से पैसा उठाती है. तो न वो पैसा उनको वापस करना होता है. और न ही उनको उस पर व्याज देना होता है.
Now it comes, if the company is not paying interest to the investor and not returning the money, then what is he giving them in return?
अब बात आती है, कि अगर कंपनी उन इन्वेस्टर को व्याज नहीं दे रही और पैसे भी वापस नहीं कर रही तो उसके बदले में उन को क्या दे रही है?
तो दोस्तों जब कंपनी equity financing से पैसा उठाती है. तो उन्हें व्याज न देके उनको अपने कंपनी में हिस्सेदार बना लेती है. ऐसा करने से कंपनी को फण्ड मिल जाता है. और इन्वेस्टर को कंपनी में हिस्सा.
तो जब कोई कंपनी स्टॉक मार्किट से फण्ड उठाती है तो वह equity financing होती है. स्टोक मार्किट इन्वेस्टर्स के लिए ऐसा प्लेटफार्म है. जहाँ पर कोई भी आदमी चाहे वह गरीब हो यह अमीर शेयर खरीद सकता है. और उस कंपनी में भागीदार बन सकता है.
स्टोक मार्किट किसी भी कंपनी के लिए ऐसा प्लेटफार्म है. जहाँ से कंपनी पब्लिक से फण्ड उठा सकती है. तो जितनी भी कंपनी आज स्टोक मार्किट में है. चाहे वह बड़ी कंपनी हैं यह छोटी उन सभी ने पब्लिक से फण्ड उठाया है. और उसके बदले में पब्लिक को कंपनी में भागेदारी दी है. इस तरह की कंपनी को पब्लिक कंपनी कहा जाता है.
जब कोई कंपनी पहली बार पब्लिक से फण्ड उठाती है तो उसे IPO (initial public offering) कहा जाता है. IPO के अंदर कंपनी पब्लिक से पैसा उठाती है. और उसके बदले में उन्हें कंपनी में हिस्सा देती है. IPO में सीधे कंपनी और इन्वेस्टर में सम्बन्ध होता है. आप किसी कंपनी के कितने शेयर खरीदते हो. उसी के आधार आपको कंपनी में हिसा मिलता है.
IPO में कंपनी इन्वेस्टर बैंक से मिलकर शेयर की कीमत को निरधारित करती है. IPO तीन दिनों के लिए खुला रहता है. और इसी 3 दिनों में इन्वेस्टर को कंपनी के शेयर को Subscribe करना रहता है. उसके बाद में कंपनी शेयर का allotment करती है.
IPO से केवल आप कंपनी के शेयर खरीद सकते हो उन्हें बेच नहीं सकते. बेचने के लिए आपको स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होने तक आपको इंतजार करना पड़ता है.
IPO में शेयर के allot होने के कुछ दिन बात वह स्टॉक, स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हो जाता है. और फिर इन्वेस्टर अपना शेयर स्टॉक एक्सचेंज में बेच सकते है. और जिन इन्वेस्टर को वो शेयर खरीदने है, वो स्टॉक एक्सचेंज में जाके शेयर खरीद सकते है.
IPO में जब आप शेयर खरीदते हो. तो आप सीधे कंपनी से शेयर खरीदते हो. वही जब आप स्टॉक एक्सचेंज से शेयर खरीदते हो तब आप किसी और इन्वेस्टर से शेयर खरीदते हो. ये सारा सिस्टम ऑनलाइन होता है, आप घर बैठके कहीं से भी शेयर खरीद सकते हो और बेच सकते हो.
How to buy the stock?
शेयर को खरीदे कैसे?
चाहे आप आईपीओ से शेयर खरीदें चाहे स्टॉक एक्सचेंज से सबसे पहले आपको अपना स्टॉक एक्सचेंज ब्रोकर के साथ demat a/c खोलना होगा. क्योकि स्टॉक मार्किट में जाने के लिए demat a/c जरूरी होता है. और ब्रोकर के साथ आप शेयर खरीद और बेच सकते हो. बाद में आपको ब्रोकर को कुछ चार्जेज देने होते है. demat a/c बैंक सेविंग a/c की तरह ही होता है. जैसे बैंक a/c में पैसे रखे जाते हैं. वैसे ही demat a/c में शेयर रखे जाते है.
demat a/c के साथ एक और एकाउंट होता है जिसे trading a/c कहते है. trading a/c के जरिये शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं. और खरीदे गए शेयर demat a/c में रखे जाते है. demat a/c और trading a/c अलग अलग खोलने की जरूरत नहीं होती है. demat a/c के साथ ही trading a/c खुल जाता है.
Documents required to open demat account?
demat a/c खोलने के किये जरूरी डॉक्यूमेंट?
demat a/c खोलने के पेन कार्ड, आधार कार्ड etc. बैंक की पासबुक की जरूरत होती है.
आप स्टॉक मार्किट में पैसा लगाना चाहते हैं, तो आपको अपना demat a/c उस ब्रोकर के साथ खुलवाएँ जो सबसे कम राशि में एकाउंट खोले. क्योकि बहुत से ऐसे ब्रोकर होते है. जो एक निश्चित अमाउंट के साथ ही demat a/c खोलते है. अगर आप पहली बार और छोटी सी राशि से शेयर मार्किट में जाना चाहते है. तो आप के लिए थोडा मुस्किल हो सकता है. इसीलिए आप ऐसे ब्रोकर के साथ खाता खोलें जो छोटी से छोटी राशि में आपका खाता खोल सके. और यह भी जानकारी कर ले की जिस ब्रोकर के साथ आप खाता खुलवा रहे हैं. उनकी सर्विसेज अच्छी है की नहीं.
स्टॉक एक्सचेंज का टाइम होता है. 09:00 am to 03:00 pm इसी टाइम के बीच आप अपने शेयर का लेन देन कर सकते है. इंडिया की दो मुख्या स्टॉक एक्सचेंज है.
1. NSE (national stock exchange)
2. BSE (Bombay stock exchange)
NSE (national stock exchange) पर 1600 से बहुत ज्यादा कंपनी रजिस्टर्ड है. वहीँ दूसरी तरफ BSE (Bombay stock exchange) में 5500 से भी ज्यादा कंपनी रजिस्टर्ड है.
Why Should I Invest?
क्यों करते है हम investment ?
दोस्तों इन्वेस्टमेंट तो हम सब रिटर्न्स कमाने के लिए करते है, तो चलिए जानते हैं. की इन्वेस्टमेंट करने के बाद इन्वेस्टर को क्या मिलता है. और वह कैसे मिलता है.
स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने से दो तरह से प्रॉफिट मिल सकती है.
1. dividend
2. capital appreciation
कंपनी जब अपने प्रॉफिट का कुछ हिस्सा शेयर होल्डर के साथ शेयर करती है. तो उसे dividend कहते है. लेकिन आपको यह जानना चाहिए की कंपनी शेयर होल्डर को dividend देगी यह जरूरी नहीं है. शेयर होल्डर को dividend देना है यह नहीं, यह निर्णय पूरी तरीके से कंपनी के Board of director पर निर्भर करता है.
लेकिन आप dividend पर पूरी तरीके से निर्भर नहीं रह सकते. क्योकि जो ज्यादा छोटी कंपनी होती है, वो तो dividend देती ही नहीं. ऐसी कंपनिया अपना सारी प्रॉफिट अपने कंपनी को आगे ले जाने के लिए पर्योग करती है.
What is 'Capital Appreciation'
'पूंजी प्रशंसा' क्या है
तो आब बात आती है capital appreciation की. capital appreciation का मतलब होता है की आपके शेयर की कीमत का बढ़ना. यानि आपके investment वैल्यू बढ़ती है. मान लेते है की आपने किसी कंपनी से 1000 का कोई शेयर ख़रीदा और एक साल बाद आपके शेयर की कीमत 1600 हो जाती हैं. तो आपको 600 की प्रॉफिट होती है. यही होता है capital appreciation. जैसे-जैसे कंपनी की growth बढ़ती है. आपके शेयर की वैल्यू भी बढ़ती है. और इसी का ठीक उल्टा जब आपकी कंपनी की growth घटती है. आपके शेयर की वैल्यू भी घटती है.
तो ये थी स्टॉक मार्किट के बारे में कुछ जानकारी, अगर आपको कुछ और जानकारी चाहिए शेयर के बारे में तो मुझे आप कमेंट कर सकते है.
धन्यवाद !
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